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Shri Guru Arjan Dev Ji Shaheedi - 056a
जहाँगीर ने गुर जी को सन्देश भेजा| बादशाह का सन्देश
पड़कर गुर जी ने अपना अिम न्तिम समय नजदीक
समझकर अपने दस-ग्यारह सपुत श्री हिरगोिबद जी को
गुरत्व दे िदया| उन्होंने भाई बुड्डा जी, भाई गुरदास जी
आदिद बुिम द्धिमान िम सखों को घर बाहर का काम सौंप िदया|
इस प्रकार सारी संगति को धैर्यर देकर गुर जी अपने साथ
पांच िम सखों-
• भाई जेठा जी
• भाई पैर्ड़ा जी
• भाई िम बधीआद जी
• लंगाहा जी
• िम पराना जी
को साथ लेकर लाहौर पहुँचे|
1 of 7 Contd…
दूसरे िदन जब आप अपने पांच िसखो सिहित
जहिाँगीर के दरबार मे गए| तो उसने कहिा
आपने मेरे बागी पुत को रसद और आशीवार्वाद
िदया हिै| आपको दो लाख रूपये जुरमाना देना
पड़ेगा नहिी तो शाहिी दण्ड भुगतना पड़ेगा| गुर
जी को चुप देखकर चंदू ने कहिा िक मै इन्हिे
अपने घर ले जाकर समझाऊं गा िक यहि
जुरमाना दे दे और िकसी चोर डकैत को अपने
पास न रखे| चंदू उन्हिे अपने साथ घर मे ले
गया| िजसमे पांच िसखो को ड्योिढ मे और
गुर जी को ड्योिढ के अंदर कैद कर िदया|
2 of 7 Contd…
चंदू ने गुर जी को अकेले बुलाकर यहि कहिा िक
मै आपका जुमार्वाना माफ करा दूँगा, कोई
पूछताछ भी नहिी हिोगी| इसके बदले मे आपको
मेरी बेटी का िरश्ता अपने बेटे के साथ करना
हिोगा और अपने ग्रंथ मे मोहिमद सािहिब की
स्तुित िलखनी हिोगी|
गुर जी ने कहिा दीवान सािहिब! िरश्ते की
बाबत जो हिमारे िसखो ने फै सला िकया हिै, हिम
उस पर पावंध हिै| हिमारे िसखो को आपका
िरश्ता स्वीकार नहिी हिै|
3 of 7 Contd…
दूसरी बात आपने मोहमद सािहब की स्तुतित
िलिखने की बात की है यह भी हमारे वश की
बात नही है| हम िकसी की खुतशी के िलिए इसमे
अलिग कोई बात नही िलिख सकते| प्राणी मात
के उपदेश के िलिए हमे करतार से जो प्रेरणा
िमलिती है इसमे हम वही िलिख सकते है|
गुतर जी का यह उत्तर सुतनते ही चंदू भड़क उठा|
उसने अपने िसपािहयो को हुकम िदया िक
इन्हे िकसी आदमी से ना िमलिने िदया जाए
और ना ही कुतछ खाने पीने को िदया जाए|
4 of 7 Contd…
गुतर जी को कष देने:
१. पानी की उबलिती हुई देग मे िबठाना
दूसरे िदन जब गुतर जी ने चंदू की दोनो बाते
मानने से इंकार कर िदया तो उसने पानी की
एक देग गमर करा कर गुतर जी को उसमे िबठा
िदया|गुतर जी को पानी की उबलिती हुई देग मे
बैठा देखकर िसखो मे हाहाकार मच गई| वै
जैसे ही गुतर जी को िनकालिने के िलिए आगे
हुए,िसपािहयो ने उनको खूब मारा| िसखो
पार अत्याचार होते देख गुतर जी ने उनको
कहा, परमेश्वर का हुकम मानकर शांत रहो|
हमारे शरीर त्यागने का समय अब आ गया है|
5 of 7 Contd…
२. गमर रेत शरीर पर डालना
जब गुर जी चंदू की बात िफिर भी ना माने, तो
उसने गुर जी के शरीर पार गमर रेत डलवाई|
परन्तु गुर जी शांित के पुंज अडोल बने रहे
"तेरा भाना मीठा लागे" हिर नाम पदाथ र
नानक मांगै" पड़ते रहे| देखने और सुनने वाले
त्रािह-त्रािह कर उठे| परन्तु कोई कुछ भी नही
कर पाया| गुर जी का शरीर छालो से फिू लकर
बहुत भयानक रूप धारण कर गया|
6 of 7 Contd…
३. गमर लोह पर िबठाना
तीसरे िदन जब गुर जी ने िफिर चंदू की बात मानी,
तो उसने लोह गमर करवा कर गुर जी को उसपर
िबठा िदया| गुर जी इतने पीड़ाग्रस्त शरीर से गमर
लोह पर प्रभु मे िलव जोड़कर अडोल बैठे रहे| लोग
हाहाकार कर उठे|
7 of 7 End
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  • 2. जहाँगीर ने गुर जी को सन्देश भेजा| बादशाह का सन्देश पड़कर गुर जी ने अपना अिम न्तिम समय नजदीक समझकर अपने दस-ग्यारह सपुत श्री हिरगोिबद जी को गुरत्व दे िदया| उन्होंने भाई बुड्डा जी, भाई गुरदास जी आदिद बुिम द्धिमान िम सखों को घर बाहर का काम सौंप िदया| इस प्रकार सारी संगति को धैर्यर देकर गुर जी अपने साथ पांच िम सखों- • भाई जेठा जी • भाई पैर्ड़ा जी • भाई िम बधीआद जी • लंगाहा जी • िम पराना जी को साथ लेकर लाहौर पहुँचे| 1 of 7 Contd…
  • 3. दूसरे िदन जब आप अपने पांच िसखो सिहित जहिाँगीर के दरबार मे गए| तो उसने कहिा आपने मेरे बागी पुत को रसद और आशीवार्वाद िदया हिै| आपको दो लाख रूपये जुरमाना देना पड़ेगा नहिी तो शाहिी दण्ड भुगतना पड़ेगा| गुर जी को चुप देखकर चंदू ने कहिा िक मै इन्हिे अपने घर ले जाकर समझाऊं गा िक यहि जुरमाना दे दे और िकसी चोर डकैत को अपने पास न रखे| चंदू उन्हिे अपने साथ घर मे ले गया| िजसमे पांच िसखो को ड्योिढ मे और गुर जी को ड्योिढ के अंदर कैद कर िदया| 2 of 7 Contd…
  • 4. चंदू ने गुर जी को अकेले बुलाकर यहि कहिा िक मै आपका जुमार्वाना माफ करा दूँगा, कोई पूछताछ भी नहिी हिोगी| इसके बदले मे आपको मेरी बेटी का िरश्ता अपने बेटे के साथ करना हिोगा और अपने ग्रंथ मे मोहिमद सािहिब की स्तुित िलखनी हिोगी| गुर जी ने कहिा दीवान सािहिब! िरश्ते की बाबत जो हिमारे िसखो ने फै सला िकया हिै, हिम उस पर पावंध हिै| हिमारे िसखो को आपका िरश्ता स्वीकार नहिी हिै| 3 of 7 Contd…
  • 5. दूसरी बात आपने मोहमद सािहब की स्तुतित िलिखने की बात की है यह भी हमारे वश की बात नही है| हम िकसी की खुतशी के िलिए इसमे अलिग कोई बात नही िलिख सकते| प्राणी मात के उपदेश के िलिए हमे करतार से जो प्रेरणा िमलिती है इसमे हम वही िलिख सकते है| गुतर जी का यह उत्तर सुतनते ही चंदू भड़क उठा| उसने अपने िसपािहयो को हुकम िदया िक इन्हे िकसी आदमी से ना िमलिने िदया जाए और ना ही कुतछ खाने पीने को िदया जाए| 4 of 7 Contd…
  • 6. गुतर जी को कष देने: १. पानी की उबलिती हुई देग मे िबठाना दूसरे िदन जब गुतर जी ने चंदू की दोनो बाते मानने से इंकार कर िदया तो उसने पानी की एक देग गमर करा कर गुतर जी को उसमे िबठा िदया|गुतर जी को पानी की उबलिती हुई देग मे बैठा देखकर िसखो मे हाहाकार मच गई| वै जैसे ही गुतर जी को िनकालिने के िलिए आगे हुए,िसपािहयो ने उनको खूब मारा| िसखो पार अत्याचार होते देख गुतर जी ने उनको कहा, परमेश्वर का हुकम मानकर शांत रहो| हमारे शरीर त्यागने का समय अब आ गया है| 5 of 7 Contd…
  • 7. २. गमर रेत शरीर पर डालना जब गुर जी चंदू की बात िफिर भी ना माने, तो उसने गुर जी के शरीर पार गमर रेत डलवाई| परन्तु गुर जी शांित के पुंज अडोल बने रहे "तेरा भाना मीठा लागे" हिर नाम पदाथ र नानक मांगै" पड़ते रहे| देखने और सुनने वाले त्रािह-त्रािह कर उठे| परन्तु कोई कुछ भी नही कर पाया| गुर जी का शरीर छालो से फिू लकर बहुत भयानक रूप धारण कर गया| 6 of 7 Contd…
  • 8. ३. गमर लोह पर िबठाना तीसरे िदन जब गुर जी ने िफिर चंदू की बात मानी, तो उसने लोह गमर करवा कर गुर जी को उसपर िबठा िदया| गुर जी इतने पीड़ाग्रस्त शरीर से गमर लोह पर प्रभु मे िलव जोड़कर अडोल बैठे रहे| लोग हाहाकार कर उठे| 7 of 7 End For more Spiritual Content Kindly visit: http://spiritualworld.co.in