2. पाठ के अंत में हम जान पाएंगे:
1. दो ध्रुवीयता का अंत
2. सोववयत संघ का जन्म, व्यवस्था (प्रणाली)
3. सोववयत प्रणाली की ववशेषताएँ
4. दूसरी दुननया
5. ममखाइल गोर्ााचेव
6. सोववयत संघ के ववघटन के कारण
7. सोववयत संघ के ववघटन के पररणाम
3. पाठ के अंत में हम जान पाएंगे:
.
8. शाक थेरेपी
9. शाक थेरेपी की ववशेषताएँ शाक थेरेपी के पररणाम
10. संघषा व तनाव के क्षेत्र
11. र्ाल्कन क्षेत्र
12. र्ाल्ल्टक क्षेत्र
13. मध्य एमशया
14. पूवी साम्यवादी देश और भारत
4. दो ध्रुवीयता का अंत
❑शीतयुद्ध की प्रतीक 1961 में बनी बर्लिन की
दीवार को 9 नवम्बर 1989 को जनता के
द्वारा तोड़ ददया गया ।
❑25 ददसम्बर 1991 को सोववयत संघ का ववघटन
हो गया ।
5. सोववयत संघ का जन्म, व्यवस्था (प्रणाली)
❖1917 की रूसी बोलशेववक क्ांतत के बाद समाजवादी
सोववयत संघ गणराज्य (USSR) अस्ततत्व में आया ।
❖सोववयत संघ में समतावादी समाज के तनमािण के र्लए
कें द्रीकृ त योजना, राज्य के तनयंत्रण पर आधाररत और
साम्यवादी दल द्वारा तनदेर्शत व्यवतथा सोववयत प्रणाली
कहलाई ।
6. सोववयत प्रणाली की ववशेषताएँ
➢सोववयत प्रणाली पंजीवाद व्यवतथा का ववरोध तथा समाजवाद के आदशों से
प्रेररत थी ।
➢सोववयत प्रणाली में तनयोस्जत अथिव्यवतथा थी ।
➢कम्यतनतट पाटी का दबदबा था ।
➢न्यनतम जीवन ततर की सुववधा ।
➢बेरोजगारी न होना ।
➢उन्नत संचार प्रणाली ।
➢र्मस्ककयत का प्रमुख रूप राज्य का तनयंत्रण ।
➢उत्पादन के साधनों पर राज्य का तनयंत्रण था ।
7. दूसरी दुननया
पवी यरोप के देशों को समाजवादी प्रणाली
की तजि पर ढाला गया था, इन्हें ही
समाजवादी खेमे के देश या दसरी दुतनया
कहा गया ।
8. ममखाइल गोर्ााचेव
✓1980 के दशक में र्मखाइल गोबािचेव ने राजनीततक सुधारों तथा
लोकतान्त्रीकरण को अपनाया उन्होने पुनिरचना (पेरेतत्रोइका) व खुलापन
(ग्लातनोतत ) के नाम से आर्थिक सुधार लाग ककए ।
✓सोववयत संघ समास्तत की घोषणा
✓1991 में बोररस येकतर्सन के नेतृत्व में यरोप के देशों ने तथा रूस, यक्े न व
बेलारूस ने सोववयत संघ की समास्तत की घोषणा की ।
✓CIS (तवतंत्र राज्यों का राष्ट्रकु ल) बना 15 नए देशों का उदय हुआ ।
9. सोववयत संघ के ववघटन के कारण
❖नागररकों की राजनीततक और आर्थिक आकांक्षाओं को परा न कर पाना ।
❖सोववयत प्रणाली पर नौकरशाही का र्शकं जा ।
❖कम्युतनतट पाटी का अंकु श ।
❖संसाधनों का अर्धकतम उपयोग परमाणु हर्थयारों पर ।
❖प्रौद्योर्गकी और बुतनयादी ढांचे में पस्चचम के मुक़ाबले पीछे रहना ।
❖रूस की प्रमुखता ।
❖गोवािचेव द्वारा ककए गए सुधारों का ववरोध होना ।
❖अथिव्यवथा गततरुद्ध व उपभोक्ता वततुओं की कमी ।
❖राष्ट्रवादी भावनाओं और संप्रभुता की इच्छा का उभार ।
❖सोववयत प्रणाली का सत्तावादी होना ।
❖पाटी का जनता के प्रतत जवाबदेह ना होना ।
10. सोववयत संघ के ववघटन के पररणाम
❖शीत युद्ध का संघषि समातत हो गया ।
❖एक ध्रुवीय ववचव अथाित अमरीका वचितव का उदय ।
❖हर्थयारों की होड की समास्तत ।
❖ सोववयत खेमे का अंत और 15 नए देशों का उदय ।
❖रूस सोववयत संघ का उत्तरार्धकारी बना ।
❖ववचव राजनीतत में शस्क्त संबंध पररवतिन हो गए ।
❖समाजवादी ववचारधारा पर प्रचनर्चन्ह या पंजीवादी उदारवादी
व्यवतथा का
11. शाक थेरेपी
शास्ददक अथि हैं आघात पहुंचाकर उपचार करना । साम्यवाद
के पतन के बाद सोववयत संघ के गणराज्यों को ववचव बैंक
और अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष द्वारा तनदेर्शत साम्यवाद से
पंजीवाद की ओर संक्मण (पररवतिन) के माडल को
अपनाने को कहा गया । इसे ही शाक थेरेपी कहते
12. शाक थेरेपी की ववशेषताएँ
❑र्मस्ककयत का प्रमुख रूप तनजी तवार्मत्व ।
❑राज्य की संपदा का तनजीकरण ।
❑सामदहक फामि की जगह तनजी फामि ।
❑ मुक्त व्यापार व्यवतथा को अपनाना ।
❑मुद्राओं की आपसी पररवतिनीयता ।
❑पस्चचमी देशों की आर्थिक व्यवतथा से जुड़ाव ।
❑पंजीवाद के अततररक्त ककसी भी वैकस्कपक व्यवतथा को तवीकार
नही ककया गया ।
13. शाक थेरेपी के पररणाम
❖पणितया असफल, रूस का औद्योर्गक ढांचा चरमरा गया ।
❖रूसी मुद्रा रूबल में र्गरावट ।
❖ समाज ककयाण की पुरानी व्यवतथा नष्ट्ट ।
❖90 प्रततशत उद्योगों को तनजी हाथों या कं पतनयों को कम दामों (औने – पौने)
दामों में बेचा गया स्जसे इततहास की सबसे बड़ी गराज सेल कहा जाता हैं ।
❖आर्थिक ववषमता बढ़ी ।
❖खाद्यान्न संकट हो गया ।
❖माकफया वगि का उदय ।
❖कमजोर संसद व राष्ट्रपतत को आर्थिक शस्क्तयां स्जससे सत्तावदी राष्ट्रपतत
14. संघषा व तनाव के क्षेत्र
oपवि सोववयत संघ के अर्धकांश गणराज्य संघषि की आकांशा
वाले क्षेत्र हैं । इन देशों में बाहरी ताकतों की दखलन्दाजी भी
बढ़ी हैं । रूस के दो गणराज्यों
oचेचन्या और दार्गततान में दहंसक अलगाववादी आंदोलन
चले । चेकोतलोवाककया दो भागों मे - चेक तथा तलोवाककया
में बंट गया ।
15. र्ाल्कन क्षेत्र
बाककन गणराज्य युगोतलाववया गृहयुद्ध के कारण कई
प्रान्तों में बंट गया । स्जसमे शार्मल बोस्तनया- हजेगोववना,
तलोवेतनया तथा क्ोएर्शया ने अपने तवतंत्र घोवषत कर
ददया।
16. र्ाल्ल्टक क्षेत्र
बास्कटक क्षेत्र र्लथुआतनया ने माचि ने 1990 में अपने आप
को तवतंत्र घोवषत ककया । एतटोतनया, लातववया और
र्लथुआतनया 1991 में संयुक्त राष्ट्रसंघ के सदतय बने ।
2004 में नाटो नें शार्मल हुए ।
17. मध्य एमशया
▪मध्य एर्शया के तजाककततान में 10 वषों तक यानी 2001
तक ग्रहयुद्ध चला । अजरबैजान, आमेतनया, यक्े न,
ककरर्गझततान, जास्जिया में भी गृहयुद्ध की स्तथतत हैं ।
▪मध्य एर्शयाई गणराज्यों में पेरोल के ववशाल भंडार हैं ।
इसी कारण से यह क्षेत्र बाहरी ताकतों और तेल कं पतनयों की
प्रतततपधाि का आखाडा भी बन गया ।
18. पूवी साम्यवादी देश और भारत
•पवि साम्यवादी देशों के साथ भारत के संबंध अच्छे हैं, रूस के साथ ववशेष रूप से प्रगाढ़ हैं ।
•दोनों का सपना बह ध्रुवीय ववचव का हैं ।
•दोनों देश सहअस्ततत्व, समदहक सुरक्षा, क्षेत्रीय संप्रभुता, तवतंत्र ववदेश नीतत, अंतराष्ट्रीय झगड़ों का
वाताि द्वारा हल, संयुक्त राष्ट्रसंघ के सुदृढीकरण तथा लोकतन्त्र में ववचवास रखते हैं ।
•2001 में भारत और रूस द्वारा 80 द्ववपक्षीय समझोतों पर हतताक्षर ।
•भारत रूसी हर्थयारों का खरीददार ।
•रूस से तेल आयात ।
•प्रमास्ववक योजना तथा अंतररक्ष योजना में रूसी मदद ।
•कजाककततान और तुकमेतनततान के साथ ऊजाि आयात बढाने की कोर्शश ।
•गोवा में ददसंबर 2016 में हुए ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन के दौरान रूस -भारत के बीच हुए 17 वें
वावषिक सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रूस के राष्ट्रपतत व्लादमीर पुतीन के बीच रक्षा,
परमाणु ऊजाि, अन्तररक्ष अर्भयान समेत आर्थिक सम्बन्धो को बढ़ावा देने एवं उनके लक्ष्यों की प्रास्तत
पर बल ।