1. अध्याय – 6 XII
अंतर्ााष्ट्रीय संगठन
by
Dr Sushma Singh
(Core Academic Unit DOE GNCT of Delhi)
2. पाठ के अंत में हम जान पाएंगे
1. अंतर्ााष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता
2. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के अंग
3. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के महासचिव
4. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की सुर्क्षा परर्षद की स्थाई सदस्यता के लिए भार्त का पक्ष
5. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंलसयााँ
6. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के उद्देश्य एवं लसद््ांत
7. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ को एक ध्रुवीय ववश्व में अच्क प्रासंचगक बनाने के उपाय
8. अंतर्राष्ट्रीय संस्थरएँ व गैर् सर्करर्ी संगठन
3. अंतर्ााष्ट्रीय संगठन
• अंतर्राष्ट्रीय संगठन अपने उद्देश्यों में व्यरपक होते हैं ।
जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर् पर् वववरदों के समरधरन तथर
शरंतत व सुर्क्षर स्थरवपत कर्ने में व ववभिन्न देशों के
सौहरदापूर्ा वरतरवर्र् कर तनमरार् कर्ने में महत्वपूर्ा
िूभमकर तनिरते हैं ।
4. 1. अंतर्ााष्ट्रीय संगठनों की आवश्यकता
• अंतर्राष्ट्रीय वववरदों कर शरंततपूर्ा समरधरन ।
• युद्धों की र्ोकथरम में सहरयक ।
• ववश्व के आर्थाक ववकरस में सहरयक ।
• प्ररकृ ततक आपदर, महरमरर्ी से तनपटनर ।
• अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़रवर देनर ।
• वैश्श्वक तरप वृद्र्ध से तनपटनर ।
5. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ
• प्रथम ववश्व युद्ध के बरद युद्ध र्ोकने के भिए बनी संस्थर र्रष्ट्रसंघ (िीग
ऑफ नेशंस) के असफि होने के करर्र् एवं 1939 से 1945 तक चिे
द्ववतीय युद्ध के पश्चरत अंतर्राष्ट्रीय शरंतत एवं सुर्क्षर स्थरवपत कर्ने िे
भिए पुन: एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकतर महसूस की गई । अत:
24 अक्तूबर् 1945 की संयुक्त र्रष्ट्र संघ में 51 सदस्य थे, िरर्त िी
इसके संस्थरपक सदस्यों में शरभमि थर । मई 2013 तक इसके सदस्यों
की संख्यर 193 हो गयी हैं । 193 वरं सदस्य दक्षक्षर् सूडरन हैं ।
6. 2. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के अंग
संयुक्त र्ाष्ट्र
संघ
1.
सचिवािय
2.
सुर्क्षा परर्षद
3.
महासभा
4.
आचथाक एवं
सामाजजक
परर्षद
5.
अंतर्ााष्ट्रीय
न्यायािय
6.
न्यालसता परर्षद
( इसका काया सन
1994 से समाप्त
कर् ददया गया हैं ।)
7. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के अंग
क्रम संख्या अंगों के नाम सदस्य संख्या मुख्यािय उद्देश्य
1 सुर्क्षर परर्षद 5 स्थरयी, 10 अस्थरयी न्यूयरका शरंतत एवं सुर्क्षर करयम र्खनर । सैन्य करयावरही कर्नर ।
2 महरसिर 193 न्यूयरका सदस्य प्रवेश व तनिंबन एवं बजट पररर्त कर्नर ।
3 रस्टीभशप करउंभसि 14 न्यूयरका ववशेष क्षेत्रों की सरमरश्जक आर्थाक उन्नतत, 1994 में
पिरऊ के स्वतंत्र होने पर् स्थर्गत ।
4 अंतर्राष्ट्रीय न्यरयरिय 15 न्यरयरधीश हेग देशों के परर्स्परर्क वववरद, आपसी झगड़े क्षेत्रीय व सीमर
वववरद पर् ववचरर् ।
5 सर्चवरिय महरसर्चव + अन्य
कमाचरर्ी
न्यूयरका संयुक्त र्रष्ट्र के तनत्य करयों कर संचरिन ।
6 आर्थाक एवं सरमरश्जक परर्षद 57 न्यूयरका आर्थाक, सरमरश्जक, भशक्षर, स्वरस््य पर् ववचरर् कर्
महरसिर को रर्पोटा िेजनर ।
8. सुर्क्षा परर्षद
• इसकर सबसे शश्क्तशरिी अंग सुर्क्षर परर्षद हैं इसके
कु ि 15 सदस्य हैं इसमें परँच स्थरयी सदस्य (अमर्ीकर,
रूस, ब्रिटेन, फ्रंस, और् चीन) तथर दस अस्थरयी
सदस्य हैं जो दो वषों की अवर्ध के भिए चुने जरते हैं ।
स्थरयी सदस्यों को वीटो (तनषेधरर्धकरर्) की शश्क्त
प्ररप्त हैं ।
9. सुर्क्षा परर्षद
• शीत युद्ध के बरद से ही संयुक्त र्रष्ट्र में इसके ढरंचे एवं करया
कर्ने की प्रक्रियर दोनों में सुधरर् की मरंग ज़ोर् पकड़ने िगी ।
सुर्क्षर परर्षद में स्थरयी व अस्थरयी सदस्यों की संख्यर बढ़रने
पर् बि ददयर गयर । इसके अततरर्क्त गर्ीबी, िुखमर्ी,
बीमरर्ी, आतंकवरद, पयरावर्र् मसिे एवं मरनवरर्धकरर् आदद
मुद्दों पर् संयुक्त र्रष्ट्र की िूभमकर को और् अर्धक सक्रिय
बनरने पर् बि ददयर गयर ।
10. 3. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के महासचिव
महर सर्चव संयुक्त र्रष्ट्र संघ कर प्रतततनर्ध होतर हैं । वतामरन महरसर्चव
कर नरम एंटोतनयो गुटेर्ेस (पुतागरि) हैं ।
क्रम संख्या नाम संबजन््त कायाकाि
1 ररइग्व िी नरवे 1946 – 1952
2 डेग हेमर्शोल्ड स्वीडन 1953 – 1961
3 यू थरन्ट बमरा (मयरंमरर्) 1961 – 1971
4 कु ता वरल्डहीम आस्रेभियर 1972 – 1981
5 ज़ेववयर् पेर्ेज द कू ईयरर् पेरु 1982 – 1991
6 बुतर्स बुतर्स घरिी भमस्र 1992 – 1996
7 कौफी ए अन्नरन धरनर 1997 – 2006
8 बरन की मून दक्षक्षर्- कोरर्यर 2007 – 2016
9 ऐटोतनयो गुटेर्ेस पुतागरि 2017 – वतामरन
11. भार्त
• िरर्त संयुक्त र्रष्ट्र संघ के करयािमों में अपनर
योगदरन िगरतरर् देतर र्हर हैं । चरहे वह शरंतत सुर्क्षर
कर ववषय हो, तनशस्त्रीकर्र् हो, दक्षक्षर् कोरर्यर संकट
हो, स्वेज़ नहर् कर मरमिर हो यर इर्रक कर कु वैत पर्
आिमर् हो । इसके अततरर्क्त, मरनवरर्धकरर्ों की र्क्षर,
उपतनवेश वरद व र्ंगिेद कर ववर्ोध तथर शैक्षणर्क
आर्थाक तथर सरंस्कृ ततक गततववर्धओं में िी िरर्त की
िूभमकर बनी र्हती हैं ।
12. 4. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की सुर्क्षा परर्षद की
स्थाई सदस्यता के लिए भार्त का पक्ष
1. आबरदी के दृश्ष्ट्टकोर् से बड़र र्रष्ट्र ।
2. श्स्थर् िोकतन्त्र व मरनवरर्धकरर्ों के प्रतत तनष्ट्ठर ।
3. उिर्ती हुई आर्थाक तरकत ।
4. शरंतत बहरिी में िरर्त कर योगदरन ।
13. 5. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ की प्रमुख एजेंलसयााँ
संयुक्तर्ाष्ट्रसंघकीप्रमुखएजेंलसयााँ
I ववश्व स्वास््य संगठन
(WHO)
VII संयुक्त र्ाष्ट्र, शैक्षक्षक, सामाजजक एवं सांस्कृ ततक संगठन
(UNESCO)
II संयुक्त र्ाष्ट्र बाि कोष
( UNICEF)
III संयुक्त र्ाष्ट्र ववकास कायाक्रम
( UNDP)
V संयुक्त र्ाष्ट्र मानवाच्कार् आयोग
( UNHRC)
IV संयुक्त र्ाष्ट्र शर्णाथी उच्िायोग
( UNHCR)
VI संयुक्त र्ाष्ट्र व्यापार् एवं ववकास सम्मेिन
( UNCTAD)
14. 6. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ के उद्देश्य एवं लसद््ांत
• अंतर्राष्ट्रीय शरंतत व सुर्क्षर को बनरये र्खनर ।
• र्रष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ा समबन्धों को बढ़रनर ।
• आपसी सहयोग द्वरर्र आर्थाक, सरमरश्जक, सरंस्कृ ततक तथर मरनवीय ढंग
की अंतर्राष्ट्रीय समस्यरओं को हि कर्नर ।
• अंतर्राष्ट्रीय संर्धयों एवं अंतर्राष्ट्रीय क़रनूनों को सममरनपूवाक िरगू
कर्वरनर ।
• र्रष्ट्रों की प्ररदेभशक अखंडतर और् र्रजनीतत स्वतन्त्रतर कर आदर् कर्नर ।
15. 7. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ को एक ध्रुवीय ववश्व
में अच्क प्रासंचगक बनाने के उपाय
• शरंतत संस्थरपक आयोग कर गठन ।
• मरनवरर्धकरर् परर्षद की स्थरपनर ।
• सहस्त्ररब्दी ववकरस िक्ष्य को प्ररप्त कर्ने पर् सहमतत ।
• एक िोकतन्त्र कोष कर गठन ।
• आतंकवरद के सिी रूपों की ित्सानर ।
• न्यरभसतर परर्षद की समरश्प्त ।
16. संयुक्त र्ाष्ट्र संघ को ववश्व में अच्क
प्रासंचगक बनाने के उपाय
• आज एक ध्रुवीय ववश्व व्यवस्थर में जब अमेरर्कर कर वचास्व
पूर्े ववश्व पर् हो चुकर हैं तो ऐसे में संयुक्त र्रष्ट्र संघ िी
अमेरर्की तरकत पर् पूर्ा रूप से अंकु श नहीं िगर सकतर,
क्योंक्रक अमेरर्कर कर इसके बजट में योगदरन अर्धक हैं । पर्ंतु
इसके अततरर्क्त इसकर मुख्यरिय िी अमेरर्की िू -क्षेत्र पर्
श्स्थत हैं पर्ंतु इसके बरवजूद संयुक्त र्रष्ट्र संघ वी मंच हैं जहरं
अमेरर्कर से र्ोष ववश्व के देश वरतरा कर्के उसपर् तनयंत्रर् र्खने
कर प्रयरस कर् सकते हैं ।
17. 8. अंतर्ााष्ट्रीय संस्थाएाँ व गैर् सर्कार्ी संगठन
• संयुक्त र्रष्ट्र संघ के अततरर्क्त कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थरएं एवं गैर् सर्करर्ी
संगठन हैं जो तनर्ंतर् अपने उद्देश्यों को पूर्ा कर्ने में िगे हैं जैसे :
I अंतर्ााष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
II ववश्व बैंक ( WB)
III ववश्व व्यापार् संगठन ( WTO)
IV अंतर्ााष्ट्रीय आजववक ऊजाा एजेंसी (IAEA)
V एमनेस्टी इंटर्नेशनि
VI ह्यूमन र्ाइटस ब्ांि
VII अंतर्ााष्ट्रीय र्ेड क्रास सोसाइटी
VIII ग्रीनपीस
18. अंतर्ााष्ट्रीय संस्थाएाँ व गैर् सर्कार्ी संगठन
1. अंतर्ााष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF)
वैश्श्वक स्तर् पर् ववत्त व्यवस्थर की देख – र्ेख एवं ववत्तीय तथर तकनीकी सहरयतर मुहैयर कर्नर ।
2. ववश्व बैंक ( WB)
मरनवीय ववकरस (भशक्षर, स्वरस््य ) कृ वष और् ग्ररमीर् ववकरस, पयरावर्र् सुर्क्षर, आधरर्िूत ढरंचर तथर
सुशरसन के भिए करम कर्तर हैं ।
3. ववश्व व्यापार् संगठन ( WTO)
यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन वैश्श्वक व्यरपरर् के तनयमों को तय कर्ती हैं ।
4. अंतर्ााष्ट्रीय आजववक ऊजाा एजेंसी (IAEA)
यह संगठन पर्मरर्ववक ऊजरा के शरंततपूर्ा उपयोग को बढ़रवर देने और् सैन्य उद्देश्यों में इसके
इस्तेमरि को र्ोकने की कोभशश कर्तर हैं ।
19. अंतर्ााष्ट्रीय संस्थाएाँ व गैर् सर्कार्ी संगठन
5. एमनेस्टी इंटर्नेशनि
यह एक स्वयंसेवी संगठन हैं । यह पूर्े ववश्व में मरनवरर्धकरर् की र्क्षर के भिए अभियरन चितर हैं ।
6. ह्यूमन र्ाइटस ब्ांि
यह स्वयंसेवी संगठन िी मरनवरर्धकरर्ों की वकरित और् उनसे संबश्न्धत अनुसंधरन कर्ने वरिर एक
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन हैं ।
7. अंतर्ााष्ट्रीय र्ेड क्रास सोसाइटी
यह सोसरयटी युद्ध और् आंतरर्क दहंसर के सिी पीड़ड़तों की सहरयतर तथर सशस्त्र दहंसर पर् र्ोक
िगरने वरिे तनयमों को िरगू कर्ने कर प्रयरस कर्तर हैं ।
8. ग्रीनपीस
1971 के स्थरवपत ग्रीन पीस फरउन्ड़ेशन ववश्व समुदरय को पयरावर्र् के प्रतत संवेदनशीि
बनरने तथर पयरावर्र् संर्क्षर् हेतु करनून बनरने के भिए दबरव डरिने कर करया कर्ती हैं ।
.
20. अंतर्ााष्ट्रीय संस्थाएाँ व गैर् सर्कार्ी संगठन
• हरिरँक्रक संयुक्त र्रष्ट्र संघ में थोड़ी कभमयरँ अवश्य हैं, िेक्रकन
ब्रबनर इसके दुतनयर और् बदहरि होगी । संयुक्त र्रष्ट्र संघ एवं
उपर्ोक्त वणर्ात सिी आर्थाक एवं गैर् सर्करर्ी संगठनों ने
परर्स्परर्क तनिार्तर को बढ़रयर हैं । श्जससे क्रक संस्थरओं की
उत्तर्दरतयत्वतर िी बढ़ती जर र्ही हैं । इसभिए आने वरिी
सर्करर्ों को संयुक्त र्रष्ट्र एवं इन अंतर्राष्ट्रीय संगठनो के
समथान एवं उपयोग के तर्ीके तिरशने होगे ।